सावन या श्रावण मास की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। नाग पंचमी के दिन कालसर्प दोष से मुक्ति पाने के लिए सबसे उत्तम दिन माना गया है लेकिन अगर आप चाहें तो किसी विद्वान से जानकारी लेने के बाद कभी भी पूजा कर सकते हैं।
ज्योतिष के अनुसार, नाग पंचमी के दिन विधि-विधान से कालसर्प दोष निवारण की पूजा करने से जातक को विशेष लाभ मिलता है।
अगर कोई व्यक्ति कालसर्प दोष या कुंडली में राहु केतु के बुरे प्रभाव या महादशा व अंतर्दशा से पीड़ित होता है तो उसको जीवन में कोई न कोई समस्या लगी रहती है। मेहनत का उचित परिणाम नहीं मिलता, अपनी से धोखा मिलता है और सर्प दंश का भय बना रहता है।
कालसर्प दोष की पूजा पूरे भारत में उज्जैन (मध्यप्रदेश), त्र्यंबकेश्वर (महाराष्ट्र), ब्रह्मकपाली (उत्तराखंड), त्रिजुगी नारायण मंदिर (उत्तराखंड), प्रयाग (उत्तरप्रदेश), त्रीनागेश्वरम वासुकी नाग मंदिर (तमिलनाडु) आदि जगहों पर होती है ।
अतः अपने जीवन में राहु केतु संबंधित कष्टों से छुटकारा पाने के लिए ऑनलाइन पूजा के बारे में जानकारी ले सकते है, जो की विशेष कर्मकांडी ब्राह्मणों द्वारा सपर्क कर सकते है। यह पूजा उज्जैन में क्षिप्रा नदी के किनारे संपन्न कराई जाएगी उज्जैन का महाकाल की नगरी होने के कारण एक विशेष महत्व है उज्जैन से कर्क रेखा होकर गुजरती है अतः कालसर्प दोष पूजा, राहु केतु की शांति, पितृदोष पूजा का इसका अलग ही महत्व है।
हमारे द्वारा ऑनलाइन पूजा करवाने के लिये आप अपना नाम, जन्मस्थान, जन्मसमय, गोत्र आदि बता करके पूजा सम्पन्न करा सकते हैं l
महामृत्युंजय जाप 42000/-
कालसर्प दोष पूजा 3100/-
पितृदोष पूजा 2500/-
मंगल दोष के लिए भात पूजन 3100/-
नवग्रह शांति 5100/-
गुरु चांडाल दोष पूजा 2500/-
नागबलि नारायण बलि 18000/-
ग्रहण दोष पूजा 5100/-
कुम्भ विवाह 5100/-
ग्रह संबंधी जप 5100/- से 31000/- संख्या अनुसार
पूजा सम्बंधित जानकारी हेतु व्हाट्सएप नंबर पर सम्पर्क करें: +918707281849
मेल : astroaccent@gmail.com